“आज बाज़ार में क्या हलचल रही? इंडिया-अमेरिका ट्रेड डील, टैरिफ की पेचीदगियाँ और मार्केट में घबराहट!”
नमस्ते दोस्तों, SMKC चैनल में आपका फिर से दिल से स्वागत है। उम्मीद करता हूँ कि आप सब अच्छे होंगे और मार्केट में जो भी उठा-पटक हो रही है, उसे आराम से देख भी रहे होंगे और समझ भी रहे होंगे।
आज की बात करें तो मार्केट ने फिर से वो ही खेल दिखाया — कोई पक्की दिशा नहीं। सुबह जैसे खुला, वैसे ही कहीं न कहीं जाकर बंद हो गया। पर इसका मतलब ये नहीं कि दिन बोरिंग था। उल्टा, जो उठा-पटक थी वो पूरे दिन ट्रेडर्स को बैठे-बैठे सीट से खड़ा कर दे — मतलब वोलैटिलिटी इतनी थी कि हर घंटे चार्ट देखो तो नया मूड दिखेगा।
असल में भाई, इसके पीछे एक ही वजह है — इंडिया और अमेरिका के बीच जो ट्रेड डील की बातें चल रही हैं, उसी से पूरा बाज़ार घूम रहा है। हर किसी की नज़र बस एक ही चीज़ पर है कि भाई, कब फाइनल होगा, कितना टैरिफ लगेगा और इससे किस सेक्टर को कितना फायदा या नुकसान होगा।
पहली बात — इंडिया-अमेरिका ट्रेड डील: होगी या नहीं?
अब देखो, मार्केट में बहुत सारी रिपोर्ट्स आ रही हैं। कुछ कह रही हैं कि पूरी डील तो अभी नहीं होगी, बस एक छोटी सी डील — जिसे ‘मिनी ट्रेड डील’ कह रहे हैं — वो फटाफट फाइनल की जा सकती है।
अब इस ‘मिनी ट्रेड डील’ का मतलब क्या है? आसान भाषा में कहें तो मान लो इंडिया और अमेरिका को सैकड़ों सेक्टर्स पर बात करनी है — हर प्रॉडक्ट, हर इंडस्ट्री पर टैक्स, इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के रूल्स तय करने हैं। अब इतनी बड़ी बातचीत एक झटके में तो होने वाली नहीं। तो क्या करते हैं? पहले कुछ आसान और जरूरी सेक्टर्स को चुन लो — उन पर डील पक्की कर लो ताकि दोनों देशों के व्यापारी चैन की सांस ले लें, बाज़ार को थोड़ा सुकून मिल जाए और बाकी सेक्टर्स पर बाद में फैसला कर लेंगे।
रिपोर्ट्स कह रही हैं कि ये ‘मिनी ट्रेड डील’ अगले 48 घंटों के अंदर-अंदर अनाउंस हो सकती है। मतलब शायद कल रात या उसके आसपास कुछ ठोस खबर सुनने को मिल जाए।
पर भाई, बड़ी डील का क्या?
अब कुछ लोग पूछेंगे कि अच्छी बात है — मिनी डील तो हो जाएगी, पर असली बड़ी ट्रेड डील कब होगी? तो उसके लिए रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि शायद 9 जुलाई के बाद कुछ बड़े सेक्टर्स पर बातचीत होगी — जैसे एग्रीकल्चर, डेयरी, जनरल मोटर्स जैसे बड़े मुद्दे, जिन पर अभी तक अमेरिका-इंडिया में राय नहीं मिल पा रही है।
अब आती है टैरिफ की असली कहानी
सारी उलझन यहीं पर फंसी है। मिनी डील के बाद सवाल ये है कि आखिर कितना टैक्स लगेगा? रिपोर्ट्स के हिसाब से एवरेज 10% टैरिफ की उम्मीद है। पर ये भी कोई पक्का नहीं है — 5% हो सकता है, 15% हो सकता है या फिर 20% तक भी जा सकता है। जो भी होगा, वो फाइनल डील के वक्त ही साफ होगा। इसी वजह से ट्रेडर्स और निवेशकों के मन में घबराहट बनी हुई है। कोई क्लियरिटी नहीं है तो मार्केट सीधा किसी दिशा में क्यों जाएगा?
ट्रांसशिपमेंट का नया झमेला
अब बात करते हैं उस पेंच की जिसने इस पूरे मसले को और उलझा दिया है — ट्रांसशिपमेंट।
देखो, नॉर्मली होता ये है कि इंडिया से सामान सीधे अमेरिका भेजा — डायरेक्ट शिपमेंट। जितना टैक्स तय होगा, वो लग जाएगा। पर ट्रांसशिपमेंट में ट्रेडर्स एक जुगाड़ करते हैं — वो सामान पहले किसी तीसरे देश में भेज देते हैं, जैसे वियतनाम या मलेशिया, फिर वहां से अमेरिका को। इससे टैक्स रेट कम हो जाता है।
माल लो इंडिया से डायरेक्ट अमेरिका भेजते तो 26% टैक्स लगता। पर अगर पहले वियतनाम भेजा और वहां से अमेरिका, तो सिर्फ 20% देना पड़ा। अब इसे रोकना अमेरिका के लिए सिरदर्द बना हुआ है क्योंकि चाइना भी यही गेम खेल सकता है।
चाइना की तो बात ही अलग है — वो इंडिया को हर साल करीब 100 बिलियन डॉलर का सामान बेचता है, जबकि हम सिर्फ 16 बिलियन डॉलर का सामान चाइना को बेच पाते हैं। अब अमेरिका चाहता है कि चाइना के इस जुगाड़ पर लगाम लगे, वरना वो ट्रांसशिपमेंट के जरिए आसानी से टैक्स बचा लेगा।
इसीलिए ट्रांसशिपमेंट को लेकर डिबेट चल रही है कि इसे कैसे कंट्रोल किया जाए ताकि सारा खेल पारदर्शी रहे। अगर ये कड़ाई से रोका गया तो हमारे कुछ एक्सपोर्टर्स को दिक्कत आ सकती है — इसलिए इसमें इंडिया के लिए भी माथापच्ची है।
अब आते हैं ट्रंप के ‘टेक इट ऑर लीव इट’ लेटर पर
एक और मसाला चल रहा है — ट्रंप ने 12 देशों को एक लेटर भेजा है। उसमें साफ कहा गया है कि या तो मेरी शर्तों पर टैक्स भरो या फिर डील भूल जाओ। इसे ही कहा जा रहा है ‘टेक इट ऑर लीव इट’।
अब तक ये क्लियर नहीं है कि वो 12 देश कौन-कौन से हैं। रिपोर्ट्स कहती हैं कि शायद आज रात तक ये नाम बाहर आ जाएंगे। इसके साथ-साथ ये भी देखना होगा कि किस देश पर कितना टैरिफ लगाया जाएगा। पिछली बार जब उन्होंने टैरिफ चार्ट निकाला था तब अलग-अलग देशों पर 10% से लेकर 40% तक टैक्स थोप दिया गया था। अब देखना होगा कि इस बार क्या नई स्लैब बनती है।
तो अब सवाल — आगे क्या?
तो भाई, आज की रात और कल का दिन बहुत इम्पॉर्टेंट हैं। एक तो ये देखना है कि वो 12 देश कौन हैं और उन पर कितना टैक्स लगेगा। दूसरा — ये ‘मिनी ट्रेड डील’ आखिर कब फाइनल होगी और उसमें क्या-क्या सेक्टर्स शामिल होंगे।
इन दो बातों का क्लियर होना ही बाज़ार को अगली दिशा देगा। जब तक ये बातें लटकी हैं, तब तक मार्केट में यही अनिश्चितता बनी रहेगी — मतलब कभी हल्की तेजी, कभी हल्की गिरावट — एक दायरे में घूमता रहेगा।
और भाई, इस बीच अगर कोई बड़ी पॉजिटिव खबर आती है तो तेज़ी भी देख सकते हैं। वरना कोई बड़ी निगेटिव खबर आई तो गिरावट भी उतनी ही तेज़ हो सकती है। इसलिए फिलहाल सतर्क रहो, खबरों पर नज़र रखो और जल्दीबाजी में कोई ट्रेड ना करो — यही समझदारी है।
तो दोस्तों, उम्मीद है आज का पूरा अपडेट तुम्हें अच्छे से समझ आया होगा। तुम लोगों को अगर ऐसे ही मार्केट के ताज़ा अपडेट चाहिए तो चैनल को सब्सक्राइब कर लो और वीडियो पसंद आया हो तो एक लाइक मार दो — ताकि हम ऐसे ही दिल से मेहनत करके तुम्हारे लिए नया कंटेंट लाते रहें।