चीन का नया पैंतरा: भारत के लिए बढ़ती टेंशन!
नमस्ते दोस्तों! SM Chain में आप सबका स्वागत है। आज जो बात मैं आपसे शेयर करने जा रहा हूँ, वो हर किसान, निवेशक और आम इंसान के लिए जानना बेहद जरूरी है — क्योंकि ये मामला सीधे-सीधे हमारे खाने-पीने और महंगाई से जुड़ा हुआ है।
क्या है माजरा?
देखिए, बात सीधी है — चीन फिर से चाल चल गया है! वैसे तो चीन दुनिया की सबसे बड़ी फैक्ट्रियों में से एक है — कई देशों के बिजनेस चीन से ही कच्चा माल लेकर चलते हैं। अगर चीन सप्लाई रोक दे तो समझ लीजिए प्रॉब्लम खड़ी हो जाती है।
आपको याद होगा, पहले चीन ने Rare Earth Elements यानी दुर्लभ धातुओं की सप्लाई रोकी थी। उस वक्त पूरी दुनिया हिल गई थी — खासकर ऑटो सेक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में बहुत दिक्कत हुई थी। अब वही कहानी फिर से दोहराई जा रही है — और इस बार सीधा असर भारत पर पड़ेगा।
अब क्या रोका गया है?
इस बार चीन ने एक बेहद जरूरी चीज़ — Specialty Fertilizer (SF) — का भारत में आना बंद कर दिया है। बाकी देशों को ये सप्लाई आराम से मिल रही है, लेकिन भारत के साथ मामला अटका हुआ है। सोचिए, हमारी खेती-बाड़ी का कितना बड़ा हिस्सा इसी पर टिका है — और हम इसकी 80% जरूरत चीन से ही पूरी करते हैं!
चीन ने ऐसा क्यों किया?
अब आपके मन में सवाल होगा — चीन ने ऐसा क्यों किया? क्या हमने कोई टैक्स लगा दिया? तो जवाब है — नहीं! असली वजह ये है कि चीन के अधिकारी अब भारत के ऑर्डर को इग्नोर कर रहे हैं। वे साफ कह रहे हैं — “झंझट मत पालो, दूसरे देशों से डील करो।” यानी कोई ऑफिशियल बैन नहीं है, पर सप्लाई रोक दी गई है।
असल में, ये कहानी चार-पाँच साल पुरानी है। जब से भारत-चीन सीमा पर टेंशन बढ़ी है, तब से चीन धीरे-धीरे हमारी जरूरतों की सप्लाई काटता जा रहा है। अब तो दो महीने से SF का आना पूरी तरह बंद है।
अब इसका असर क्या होगा?
सोचिए — अगर कच्चा माल नहीं आएगा, तो फर्टिलाइज़र कंपनियां तैयार माल कैसे बनाएंगी? अभी FACT और Coromandel जैसी बड़ी कंपनियों के शेयर 7% तक गिर चुके हैं। पारदीप फॉस्फेट्स और दूसरी कंपनियां भी मुश्किल में हैं।
सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा — खेती महंगी होगी, फसल महंगी होगी और सब्जियां-फल भी महंगे बिकेंगे। यानी महंगाई फिर से सर चढ़कर बोलेगी।
भारत अब क्या करेगा?
अब सवाल ये है कि क्या चीन के बिना काम नहीं चल सकता? तो जवाब है — चल सकता है, लेकिन मुश्किल है। भारत दूसरे एशियाई और यूरोपीय देशों से SF खरीदने की कोशिश कर रहा है। मगर दिक्कत ये है कि चीन बाकी सब से सस्ता माल देता है — इसलिए दूसरे देशों से मंगवाने में खर्चा बढ़ जाएगा।
सरकार लोकल प्रोडक्शन बढ़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन इतनी जल्दी हम अपनी 80% जरूरत पूरी नहीं कर सकते। इसके लिए टेक्नॉलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए, जो टाइम लेगा।
अब आगे क्या?
अब सबकी नजर सरकार पर है — देखना होगा वो चीन से इस मामले को कैसे संभालती है और किसानों को कैसे राहत देती है। वरना आने वाले महीनों में महंगाई का बोझ सबको झेलना पड़ेगा।
तो दोस्तों, उम्मीद है आपको बात समझ आ गई होगी। अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें — ताकि हर कोई जाने कि चीन के इस नए दांव से हमें कितना सतर्क रहना है।
आपकी राय क्या है? क्या भारत को अब अपनी निर्भरता चीन पर कम नहीं करनी चाहिए? नीचे कमेंट में बताना जरूर!